बिंब
संपादक- शिवा श्रीवास्तव
लेखक एसोसिएशन विकास भवन, रायबरेली उ०प्र०, प्रथम संस्करण २००२, पेपर बैक, पृष्ठ ४५, मूल्य ३० रुपए।
लेखक एसोसियेशन की रायबरेली शाखा द्वारा प्रकाशित ‘बिम्ब’ हाइकु संग्रह का संपादन शिवा श्रीवास्तव एवं मधु वर्मा ने किया है। इस संग्रह में 45 हाइकुकारों की 10-10 हाइकु कविताओं को रखा गया है। इसमें कई नाम नए हैं और कई जाने-पहचाने। संग्रह के सभी हाइकुकार रायबरेली क्षेत्र के हैं इसलिए यह संग्रह क्षेत्रीयता के सीमित दायरे में सिमटा हुआ है। हाइकु कविताओं के चयन में विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है, इसका इस संग्रह में अभाव है। कई हाइकु 5-7-5 अक्षर क्रम का ढाँचा मात्र है, कविता उनके आस-पास भी नहीं है। पूरे संग्रह में कुछ अच्छे हाइकु भी देखने को मिले-
दूर चले हैं / शहरों से कितना / गाँव छले हैं। (अशेष वाजपेई, पृ0 01)
गाँव नगर / कहाँ बनायें घर / भीड़ का डर। (जवाहर इन्दु पृ0 10)
उसने लिखा / बर्बर इतिहास / हमने जिया । (प्रदीप श्रीवास्तव, पृ0 14)
नन्हें फूलों ने / लिखीं लघु कथाएँ / ओस बूँदों से। (रामनिवास पंथी, पृ0 30)
पहाड़ रोया / बह चले झरने / संवेदना के । (श. सिंह सुधाकर, पृ0 37)
बसन्त आया / अमराई महकी / मन बौराया। (श.श.द्विवेदी ‘बन्धु’, पृ0 38)
आज के गाँव / गले में टाई बाँधे / हैं नंगे पाँव । (डॉ0 सुशील द्विवेदी, पृ0 44)
कुल मिलाकर ‘बिम्ब’ एक सामान्य हाइकु संग्रह है। पेपर बैक संस्करण 45 पृष्ठ की पुस्तक का मूल्य 30 रुपए है जो उचित है।
-(हाइकु दर्पण, अंक - 03 से साभार)
No comments:
Post a Comment