Wednesday, December 05, 2012

एक तिली


एक तिली



सदाशिव कौतुक
प्रथम संस्करण- 2006 ई०
 मूल्य 100 रुपए
पृष्ठ 48
प्रकाशक- साहित्य संगम, श्रमफल
1520 सुदामा नगर, इंदौर ( म०प्र०)


’एक तिली‘ सदाशि कौतुक का चौथा हाइकु-संग्रह है। इस संग्रह में कुल 127 हाइकु कविताएँ हैं, जिनमें अधिकतर समसामयिक विसंगतियों पर व्यंग्य हैं। इस प्रकार यह सेनर्यू के अधिक निकट हैं।

 सूरज ढला
 धीरे-धीरे बढ़ता
 संध्या घूँघट

 मादल थाप
 मौसम पदचाप
 आहट आई 

 साँझ उतरी
 लौटी जैसे चिड़िया
 हरे वृक्ष पे

-( हाइकु दर्पण अंक - 6 से )


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