एक तिली
सदाशिव कौतुक
प्रथम संस्करण- 2006 ई०
मूल्य 100 रुपए
पृष्ठ 48
प्रकाशक- साहित्य संगम, श्रमफल
1520 सुदामा नगर, इंदौर ( म०प्र०)
’एक तिली‘ सदाशि कौतुक का चौथा हाइकु-संग्रह है। इस संग्रह में कुल 127 हाइकु कविताएँ हैं, जिनमें अधिकतर समसामयिक विसंगतियों पर व्यंग्य हैं। इस प्रकार यह सेनर्यू के अधिक निकट हैं।
सूरज ढला
धीरे-धीरे बढ़ता
संध्या घूँघट
मादल थाप
मौसम पदचाप
आहट आई
साँझ उतरी
लौटी जैसे चिड़िया
हरे वृक्ष पे
-( हाइकु दर्पण अंक - 6 से )
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