मन की बात
राजेन्द्र मोहन त्रिवेदी ‘बन्धु’
हर्ष प्रकाशन, निकट हनुमान मंदिर, रायबरेली (उ.प्र.)
संस्करण-प्रथम 2002, पेपर बैक, पृष्ठ-32
मूल्य- 25 रुपए।
रायबरेली क्षेत्र के श्रेष्ठ हाइकुकार राजेन्द्र मोहन त्रिवेदी ‘बन्धु’ का सद्य प्रकाशित हाइकु संग्रह ‘मन की बात’ में विविध विषयों पर केन्द्रित कुल 336 हाइकु हैं। 21 पृष्ठों में 336 हाइकु कविताओं को सजाया गया है। अर्थात् एक पृष्ठ पर 16 हाइकु, इससे पुस्तक के हाइकु बहुत पास-पास हो गए हैं। एक पृष्ठ पर 5-6 हाइकु से अधिक रखना पुस्तक की सुन्दरता को बिगाड़ देता है। प्रारम्भ में हाइकु पर महत्वपूर्ण पठनीय सामग्री है। इस संग्रह में अनेक अच्छे हाइकु हैं जिनका पाठक स्वागत करेंगे-
खड़ा पीपल / औघड़ सा किनारे / गाँव का संत। (पृ0-14)
पेड़ सहते / हर ऋतु की मार /धैर्य न खोते । (पृ0-17)
मेघों से झाँके / दुल्हन की तरह / जाड़े में सूर्य। (पृ0-32)
कुल मिलाकर ‘मन की बात’ पाठकों को पसन्द आयेगी। इसके मुख पृष्ठ को और आकर्षक बनाया जा सकता था। 32 पृष्ठ के इस संग्रह का मूल्य 25 रुपए रखा गया है।
-(हाइकु दर्पण, अंक - 03 से साभार)
हर्ष प्रकाशन, निकट हनुमान मंदिर, रायबरेली (उ.प्र.)
संस्करण-प्रथम 2002, पेपर बैक, पृष्ठ-32
मूल्य- 25 रुपए।
रायबरेली क्षेत्र के श्रेष्ठ हाइकुकार राजेन्द्र मोहन त्रिवेदी ‘बन्धु’ का सद्य प्रकाशित हाइकु संग्रह ‘मन की बात’ में विविध विषयों पर केन्द्रित कुल 336 हाइकु हैं। 21 पृष्ठों में 336 हाइकु कविताओं को सजाया गया है। अर्थात् एक पृष्ठ पर 16 हाइकु, इससे पुस्तक के हाइकु बहुत पास-पास हो गए हैं। एक पृष्ठ पर 5-6 हाइकु से अधिक रखना पुस्तक की सुन्दरता को बिगाड़ देता है। प्रारम्भ में हाइकु पर महत्वपूर्ण पठनीय सामग्री है। इस संग्रह में अनेक अच्छे हाइकु हैं जिनका पाठक स्वागत करेंगे-
खड़ा पीपल / औघड़ सा किनारे / गाँव का संत। (पृ0-14)
पेड़ सहते / हर ऋतु की मार /धैर्य न खोते । (पृ0-17)
मेघों से झाँके / दुल्हन की तरह / जाड़े में सूर्य। (पृ0-32)
कुल मिलाकर ‘मन की बात’ पाठकों को पसन्द आयेगी। इसके मुख पृष्ठ को और आकर्षक बनाया जा सकता था। 32 पृष्ठ के इस संग्रह का मूल्य 25 रुपए रखा गया है।
-(हाइकु दर्पण, अंक - 03 से साभार)
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