मोनालिसा की मुस्कान
हाइकुकार- नीलमेन्दु सागर
संस्करण-2005, मूल्य- 125 रुपए
प्रकाशक- इलावर्त प्रकाशन, कृष्णदेवालय
ए-एस गली नं0-1, शिवगार्डन
सादतपुर, दिल्ली-94
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हाइकु कविता के साथ पूरी गम्भीरता से जुड़े नीलमेन्दु सागर का दूसरा हाइकु संग्रह मोनालिसा की मुस्कान‘ उनकी 505 हाइकु कविताओं का संग्रह है। प्रकाशित होने वाले तमाम हाइकु संग्रहों की भीड़ में मोनालिसा की मुस्कान रेगिस्तान में मरुद्यान की भाँति है। इस संग्रह में अनेक श्रेष्ठ व प्रभावशाली हाइकु हैं।
कुछ हाइकु दृष्टव्य हैं-
अकेली चिड़ी
जा बैठी ठूँठ पर
शाम बासंती!
उतरे मेघ
थरथराती पत्ती
नहाते पेड़
कृष्णाभ पेड़
उबटन लगाती
धूप महरी
छींकती चली
कार्तिक की सुबह
गंगा नहाने
दूब के आँसू
पोंछ बडे़ प्यार से
हँसी सुबह
फिर खिला है
दूधिया कचनार
या तुम हँसी
सूरज गिरा
परकटा परिन्दा
झील रक्त
हवा डाकिया
बाँटता पीतपत्र
बसंतोत्सव
-( हाइकु दर्पण अंक - 6 से )
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