Wednesday, December 05, 2012

हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ हाइकु


हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ हाइकु 



संपादक: रमाकान्त
हिन्दी हाइकु कविता बहुत शीघ्रता के साथ फल फूल रही है। हाइकु संग्रह छपने की दिशा में बहुत तेजी आई है। ऐसे में यह संभावना बहुत बढ़ गई है कि हाइकु 5-7-5 अक्षर क्रम का ढाँचा अधिक दिखाई देता है, उसका काव्यत्व गायब है। कारण यह है कि नए हाइकुकार इसके मर्म को न समझ कर 5-7-5 अक्षर क्रम में कुछ भी कह डालते हैं और उन्हें छपवाकर हाइकुकार की श्रेणी में आ जाने के व्यामोह से ग्रसित हो जाते हैं। किसी भी हाइकुकार के सभी हाइकु अच्छे नहीं होते इसलिए हाइकुकारों से अच्छे-अच्छे हाइकु लेकर एक संग्रह में उन्हें प्रकाशित कराना एक अच्छा प्रयोग है। रमाकान्त जी ने ‘हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ हाइकु’ का संपादन करके यह प्रयास किया है। यद्यपि इसका शीर्षक सर्वथा उचित नहीं है क्योंकि इसमें संग्रहीत हाइकु ‘श्रेष्ठ’ हो सकते हैं लेकिन ‘सर्वश्रेष्ठ’ का दावा करना भ्रामक है, इससे बचना ही चाहिये।
इस संग्रह में 84 हाइकुकारों की 188 हाइकु कविताओं को सम्मिलित किया गया है। नए और पुराने हाइकुकारों को एक साथ पढ़ना सुखद लगेगा। संपादक की दृष्टि हाइकु कविता को परखने में सक्षम है क्योंकि पूरे संग्रह में कमजोर हाइकु बहुत कम हैं। लगभग सभी हाइकु पठनीय हैं। अनेक हाइकुकारों का मात्र एक ही हाइकु रखा गया है लेकिन जिसे रखा गया है वह ठीक ठाक है। हाइकुकारों का पूरा पता दिया गया है इससे आपस में संवाद बनाने में सुविधा रहेगी। रायबरेली में हाइकु पर होने वाला अधिकतर कार्य रायबरेली की परिधि में सिमटता हुआ दिखाई दे रहा है परन्तु यह संग्रह क्षेत्रीयता के दायरे से मुक्त है। यह संपादक के व्यापक दृष्टिकोण का परिचायक है। यह संग्रह अपनी पहचान बनाएगा और इसकी अच्छी चर्चा भी होगी। पक्की जिल्द वाली 96 पृष्ठ की पुस्तक का मूल्य 100 रुपए रखा गया है, जो उचित है। आवरण अच्छा है परन्तु इसे और अच्छा बनाया जा सकता था।

-(हाइकु दर्पण, अंक - 03 से साभार)

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